प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 करोड़ किसानों के खातों में किसान सम्मान निधि (पीएम किसान) की किश्त के 18 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। अब वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अलग-अलग प्रदेशों के किसानों से बात कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कृषि कानूनों से आपकी जमीन चली जाएगी। ऐसे लोगों की बातों में नहीं आएं। कुछ नेता किसानों के नाम पर अपना एजेंडा चला रहे हैं।
इन राज्यों के किसानों से चर्चा
अरुणाचल प्रदेश
किसान: मुझे 4 महीने में 2-2 हजार मिले। पीएम फंड से मिले पैसे से ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और FPO बनाया। ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं।
मोदी: जिन कंपनियों से आप जुड़े हैं, वे आपसे सिर्फ अदरक लेते हैं कि जमीन भी ले जाते हैं।
किसान: ऐसा नहीं होता।
ओडिशा
किसान: 12 मार्च 2019 को किसान क्रेडिट कार्ड मिला। मैंने 4% पर लोन लिया है। साहूकार से 20% से कर्ज मिलता है। लोन के पैसे से मेरे जीवन में सुधार हुआ है। मेरे पास एक एकड़ जमीन है।
मोदी: अटलजी की सरकार ने किसानों को कम दरों को लोन देने की शुरुआत की थी, हम इसी काम को आगे बढ़ा रहे हैं।
हरियाणा
किसान: पहले मैं सिर्फ चावल की खेती करता था, लेकिन अब बागबानी भी करता हूं। मैंने 3 एकड़ में नींबू और 7 एकड़ में अमरूद उगाए हैं। हम इन्हें लोकल मंडी में बेचते हैं, जहां अच्छे दाम मिलते हैं।
तमिलनाडु
किसान: मुझे ड्रिप इरिगेशन से काफी फायदा हुआ। इससे पानी की भी काफी बचत हुई।
मोदी: आपने कमाई तो की, साथ ही पानी बचाकर मानव सेवा भी की। आपकी आय भी बढ़ी और जमीन का उपयोग भी हुआ। आपसे आग्रह करूंगा कि और किसानों को भी समझाइए कि पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती।
उत्तर प्रदेश
किसान: डेढ़ एकड़ में खेती करते हैं। FPO में 100 छोटे-छोटे किसान हैं।
मोदी: क्या आपको लगता है कि नए सुधारों से फायदा होगा। आपकी जमीन तो नहीं जाएगी?
किसान: हां, इनसे हमें फायदा हो रहा है। जमीन जाने जैसी कोई बात नहीं।
सरकार की नीतियां किसानों तक पहुंचाने के लिए सरकार के प्रमुख मंत्री भी अलग-अलग राज्यों में किसानों को संबोधित कर रहे हैं।
मंत्री | कहां मौजूद |
अमित शाह | किशनगढ़ गांव, महरौली, दिल्ली |
नितिन गडकरी | सिलचर, असम |
गजेंद्र सिंह शेखावत | जैसलमेर, राजस्थान |
रविशंकर प्रसाद | पटना, बिहार |
वीके सिंह | गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश |
आज का दिन क्यों चुना?
आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती है। देशभर में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से कार्यक्रम कराए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में केंद्रीय मंत्री, BJP शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक शामिल होंगे। किसानों के लिए चौपाल लगाई जाएगी और उन्हें प्रधानमंत्री का संबोधन दिखाया जाएगा। इस दौरान BJP कार्यकर्ता घर-घर जाकर कृषि कानूनों को लेकर लिखे गए कृषि मंत्री के लिखे पत्र को बांटेंगे।
हर साल 6 हजार रुपए किसानों को दिए जाते हैं
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देशभर के किसानों को हर साल केंद्र सरकार की तरफ से 6 हजार रुपए 3 किश्तों में दिए जाते हैं। अब तक 10 करोड़ 96 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि PM मोदी किसानों को नए कृषि कानून की खूबियां भी बताएंगे। इस कार्यक्रम के लिए 22 दिसंबर तक देशभर के 2 करोड़ किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
किसान आंदोलन का आज 30वां दिन
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन का आज 30वां दिन है। सरकार ने गुरुवार को एक और चिट्ठी लिखकर किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की। चिट्ठी में लिखा है कि किसानों के मुद्दों को हल करने के लिए सरकार गंभीर है।
साथ ही सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि मिनिमम सपोर्ट प्राइज से जुड़ी कोई भी नई मांग जो नए कृषि कानूनों के दायरे से बाहर है, उसे बातचीत में शामिल करना तर्कसंगत नहीं होगा। बुधवार को ही किसानों ने सरकार के पिछले न्योते को ठुकरा दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं, नया एजेंडा लाएं तभी बात होगी।
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