कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का शनिवार को 10वां दिन था। किसान नेताओं के साथ सरकार दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक कर रही थी। पांचवें दौर की बैठक के बाद भी सरकार और किसानों के बीच बात नहीं बनी। अब सरकार ने अपना प्रस्ताव तैयार करने के लिए चार दिन और मांग लिए हैं। यानी बैठक बेनतीजा रही। अब अगली बैठक 9 दिसंबर को होगी।
बैठक के दौरान किसान नेता 3 सवालों पर हां या ना में जवाब जानने के लिए अड़ गए। उधर, बैठक के बाद सरकार कहने लगी कि हम हर गलतफहमी दूर करने को तैयार हैं, लेकिन किसान सुझाव दे देते तो अच्छा रहता।
बैठक में तल्ख होते रहे किसान
दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई मीटिंग में 40 किसान नेता पहुंचे थे। बैठक के दौरान कई बार किसान तल्ख हो गए। जब चार घंटे की बैठक हो गई, तो आखिरी एक घंटे में किसानों ने मौन साध लिया। मुंह पर उंगली रखकर बैठ गए। उन्होंने सरकार से तीन सवाल पूछे और हां या ना में जवाब मांगा। कहा- सरकार बताए कि वह कृषि कानूनों को खत्म करेगी या नहीं? MSP को पूरे देश में जारी रखेगी या नहीं? और नए बिजली कानून को बदलेगी या नहीं?
किसानों का सरकार को अल्टीमेटम
- बैठक के दौरान एक बार बात इतनी बिगड़ गई कि किसान नेताओं ने कहा कि सरकार हमारी मांगें पूरी करे, नहीं तो हम मीटिंग छोड़कर चले जाएंगे।
- किसानों ने सरकार से कहा कि हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते। इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं।
- उन्होंने कहा कि हम पिछले कई दिनों से सड़कों पर हैं। हमारे पास एक साल की व्यवस्था है। अगर सरकार यही चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं।
- लंच ब्रेक में किसानों ने आज भी सरकारी खाना नहीं, बल्कि अपना लाया हुआ खाना ही खाया। वे पानी और चाय तक साथ लाए थे।
बैठक के बाद सरकार बोली- सुझाव मिलते तो अच्छा होता
करीब पांच घंटे की बैठक खत्म होने के बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने MSP और APMC पर पिछली बैठक में कही बातें दोहराईं।
- MSP: कृषि मंत्री ने कहा कि मिनिमम सपोर्ट प्राइस की व्यवस्था जारी रहेगी। इस पर किसी भी तरह का खतरा नहीं है। फिर भी किसी के मन में कोई शंका है तो सरकार समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है।
- APMC: तोमर बोले कि यह एक्ट राज्य का है और APMC मंडी को किसी भी प्रकार से प्रभावित करने का हमारा इरादा नहीं है। कानूनी रूप से भी वह प्रभावित नहीं होगी। इस पर गलतफहमी है तो सरकार समाधान के लिए तैयार है।
- सुझाव भी चाहिए: कृषि मंत्री ने कहा कि हमने किसानों से कहा है कि समाधान का रास्ता खोजने की कोशिश में अगर किसानों से सुझाव मिल जाते तो उचित होगा। हम इंतजार करेंगे।
- बुजुर्गों-बच्चों को घर भेजिए: सरकार ने कहा कि सर्दी का सीजन है। कोरोना का संकट है, इसलिए बुजुर्गों और बच्चों को किसान नेता घर भेज देंगे तो ठीक रहेगा। किसानों को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं कि वे अनुशासन के साथ आंदोलन कर रहे हैं। अनुशासन बना रहे, यह जरूरी है।
- मोदी सरकार की उपलब्धियां बताईं: तोमर ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध थी, है और रहेगी। अगर आप मोदीजी के छह साल के काम को देखेंगे तो किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हुई है। MSP बढ़ी है। एक साल में हम 75 हजार करोड़ रुपए किसानों के खातों में भेजे हैं। 10 करोड़ किसानों को 1 लाख करोड़ से ज्यादा पैसा दे चुके हैं।
सरकार MSP की लिखित गारंटी देने को राजी
न्यूज एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रखने की लिखित गारंटी देने और कृषि बिलों के जिन प्रोविजंस पर किसानों को ऐतराज है, उनमें बदलाव करने को भी तैयार है, लेकिन किसान तीनों कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।
8 दिसंबर को भारत बंद का अल्टीमेटम
इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने कहा कि अगर तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिए गए तो 8 दिसंबर को भारत बंद करेंगे। किसानों ने सभी टोल प्लाजा पर कब्जे की भी चेतावनी दी है। शुक्रवार को किसानों की मीटिंग के बाद उनके नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने कहा- आने वाले दिनों में दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक करेंगे।

चिल्ला बॉर्डर बंद
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने दिल्ली से नोएडा को जोड़ने वाले चिल्ला बॉर्डर को बंद कर रखा है। इसकी बजाय लोगों को DND से दिल्ली में आने की सलाह दी गई है। NH-24 पर स्थित गाजीपुर बॉर्डर भी बंद रखा गया है। किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा है कि किसानों की और सरकार की आज की मीटिंग में कोई सकारात्मक हल नहीं निकला तो राजस्थान के किसान NH-8 से होते हुए दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे।

काजू-बादाम के लंगर, मनोरंजन के लिए ट्रैक्टर पर DJ
आंदोलन में शामिल किसानों के लिए होशियारपुर जिला कबड्डी एसोसिएशन के सदस्यों ने बादाम का लंगर लगाया। एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि उन्होंने डेढ़ क्विंटल बादाम, काजू, सोगी और अखरोट आंदोलन में हिस्सा ले रहे किसानों में बांटे। इधर सिंघु बॉर्डर पर बीती रात किसान ट्रैक्टर पर DJ लगाकर नाचते-गाते नजर आए। उनका कहना है कि मनोरंजन का कोई इंतजाम नहीं होने की वजह से ट्रैक्टर पर म्यूजिक सिस्टम इंस्टॉल करवाया है।
#WATCH | A tractor with DJ system was spotted at Delhi-Haryana border during farmers’ protest in Singhu last night.
“For the past few days, we have been here & there is no source of entertainment for us so we have this tractor installed with a music system,” a farmer said. pic.twitter.com/p2r3Ec9Dwb
— ANI (@ANI) December 5, 2020
170 से ज्यादा किसान बीमार, कोरोना टेस्ट के लिए तैयार नहीं
टिकरी-कुंडली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे 170 से ज्यादा किसान बुखार और खांसी से पीड़ित हैं। यहां लगे कैंपों में हजारों किसान दवा ले रहे हैं। अपील के बावजूद किसान कोरोना टेस्ट नहीं करवा रहे हैं। किसानों को समर्थन देने पहुंचे महम विधायक बलराज कुंडू कोरोना पॉजिटिव मिले।
पिछली बैठक में सरकार ने 7 घंटे में किसानों की 7 चिंताएं सुनी थीं, सिर्फ एक पर वादा किया था
किसानों की चिंताएं | सरकार का जवाब |
MSP यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस बंद तो नहीं हो जाएगी? | MSP चल रही थी, चल रही है और आने वाले वक्त में भी चलती रहेगी। |
APMC यानी एग्रीकल्चर प्रोड्यूसर मार्केट कमेटी खत्म तो नहीं हो जाएगी? | प्राइवेट मंडियां आएंगी, लेकिन हम APMC को भी मजबूत बनाएंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड के लिए PAN कार्ड तो कोई भी जुटा लेगा और उस पर टैक्स भी नहीं लगेगा। | सरकार का वादा– ट्रेडर के रजिस्ट्रेशन को जरूरी करेंगे। |
मंडी के बाहर ट्रेड पर कोई टैक्स नहीं लगेगा? | APMC मंडियों और प्राइवेट मंडियों में टैक्स एक जैसा बनाने पर विचार करेंगे। |
विवाद SDM की कोर्ट में न जाए, वह छोटी अदालत है। | ऊपरी अदालत में जाने का हक देने पर विचार करेंगे। |
नए कानूनों से छोटे किसानों की जमीन बड़े लोग हथिया लेंगे। | किसानों की सुरक्षा पूरी है। फिर भी शंकाएं हैं तो समाधान के लिए तैयार हैं। |
बिजली संशोधित बिल और पराली जलाने पर सजा पर भी हमारा विरोध है। | सरकार विचार करने पर पूरी तरह राजी है। |
दैनिक भास्कर ने किसानों से सवाल लेकर कृषि मंत्री से पूछे, जवाब क्या आए, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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