केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 5वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। वे दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की तैयारी में हैं। किसानों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने 27 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर हुए टकराव के मामले में अज्ञात लोगों पर FIR दर्ज कर ली है।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मीटिंग में भाजपा के दूसरे नेता भी मौजूद थे। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सरकार किसानों से बिना किसी शर्त के बातचीत करने पर विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि किसानों को किसी भी वक्त बातचीत का न्योता भेजा जा सकता है। इससे पहले रविवार को किसानों ने सरकार का यह प्रस्ताव मानने से इनकार कर दिया था कि किसान बुराड़ी पहुंचें और प्रदर्शन खत्म करें।


अपडेट्स
- एक दिसंबर को देशभर के किसान अपने-अपने राज्यों में प्रदर्शन कर दिल्ली में जुटे किसानों का समर्थन करेंगे।
- आज गुरूनानक जयंती भी है। ऐसे में किसान सड़कों पर ही अरदास कर रहे हैं।
#WATCH | Delhi: Farmers protesting against the farm laws offer prayers on the occasion of #GuruNanakJayanti, at Tikri border. pic.twitter.com/6ajC5rnkZc
— ANI (@ANI) November 30, 2020
- बुराड़ी में निरंकारी समागम ग्राउंड पर मौजूद किसानों का प्रदर्शन जारी है। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स और सिक्योरिटी बढ़ा दी है।

- कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की है। पार्टी नेता राहुल गांधी ने कहा है कि जब किसान आवाज उठाते हैं तो यह पूरे देश में गूंजती है।
- कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि नए कृषि कानून APMC मंडियों को खत्म नहीं करते हैं। मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी।
नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियाँ पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर। #FarmBills pic.twitter.com/xRi35CkOTs
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 30, 2020
- सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज्यादा MSP पर बेचा।
कृषि कानून पर गलतफहमी ना रखें। पंजाब के किसानों ने पिछले साल से ज्यादा धान मंडी में बेचा और ज़्यादा #MSP पर बेचा। MSP भी जीवित है और मंडी भी जीवित है और सरकारी खरीद भी हो रही है।
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) November 30, 2020
- दिल्ली को हरियाणा से जोड़ने वाले अब सिर्फ छोटे वैकल्पिक मार्ग ही खुले हैं। ये हैं- झरोड़ा, धनसा, झाटलिखेरा, कापसहेड़ा, डुंडाहेड़ा, बिजवासन, दौराला। किसानों ने जिन 5 पॉइंट्स को बंद करने की चेतावनी दी थी, उनमें से दो वो पूरी तरह बंद कर चुके हैं। एक, गाजियाबाद वाला आंशिक तौर से बंद है, क्योंकि वहां किसानों की संख्या धीरे धीरे बढ़ रही है।
- बाकी 2 एंट्री point अभी पूरी तरह खुले हुए हैं, उनमें एक जयपुर हाईवे है। किसान नेता राजेवाल ने बताया कि इसे बंद करने की तैयारी चल रही है और राजस्थान के किसानों को इसकी मुख्य ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। आगरा-मथुरा हाईवे को भी बंद करने की तैयारी है। ये जिम्मेदारी राकेश टिकैत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के किसानों को दी गई है।
किसानों ने रविवार को कहा था कि बुराड़ी नहीं जाएंगे और दिल्ली की घेराबंदी के लिए 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा बोले- हमारे पास इतना राशन है कि 4 महीने भी हमें रोड पर बैठना पड़े, तो बैठ लेंगे। गाजियाबाद बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों की पुलिस से हाथापाई हुई। हालांकि, बाद में यहां किसानों ने भजन भी गाए। गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर रविवार रात बैठक की।
हाईवे पर मिनी पंजाब जैसा नजारा
किसान आंदोलन के चलते हाईवे का नजारा मिनी पंजाब जैसा हो गया है। ट्रॉलियों को ही किसानों ने घर बना लिया है। यहीं खाना बन रहा है तो यहीं नहाने और कपड़े धोने का इंतजाम है। जगह-जगह लंगर लगे हैं। धरने वाले धरने पर बैठे हैं। खाना बनाने वाले खाना बना रहे हैं। सभी को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई है।

किसान संगठनों के 3 ऐलान
1. बुराड़ी ओपन जेल, वहां नहीं जाएंगे: किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा ने कहा- सरकार ने यह शर्त रखी थी कि हम हाईवे खाली कर बुराड़ी जाएं। शर्त अपमानजनक है। हम बुराड़ी मैदान में नहीं जाएंगे, क्योंकि वह ओपन जेल है। इसका सबूत भी है हमारे पास। उत्तराखंड के तेजिंदर सिंह विर्क की अगुआई में किसान दिल्ली के जंतर-मंतर जाना चाहते थे। दिल्ली के प्रशासन और पुलिस ने उनके साथ धोखा किया। उन्हें जंतर-मंतर न ले जाकर बुराड़ी पार्क में कैद कर दिया।
2. पांच एंट्री पॉइंट्स से करेंगे दिल्ली का घेराव, लंबी लड़ाई की तैयारी
सिरसा ने कहा- हम ओपन जेल में जाने की बजाय सोनीपत, रोहतक के बहत्तर गढ़, जयपुर से दिल्ली हाईवे, मथुरा-आगरा से दिल्ली हाईवे, गाजियाबाद से आने वाला हाईवे जाम करेंगे और दिल्ली की घेराबंदी करेंगे। 5 एंट्री पॉइंट्स पर धरना देंगे। हमने रहने के लिए ट्रैक्टर-ट्रॉली को घर जैसा बना रखा है। हम लंबे दौर की तैयारी करके आए हैं।
3. हमारे मंच से कोई राजनीतिक दल स्पीच नहीं देगा
किसानों ने कहा कि हमने एक कमेटी बनाई है। यही पांचों पॉइंट्स पर धरने-प्रदर्शन का संचालन करेगी। किसी भी राजनीतिक दल को स्टेज पर बोलने की इजाजत नहीं है। कांग्रेस, आप या कोई भी राजनीतिक दल के लोग हमारे स्टेज पर स्पीकर के तौर पर नहीं बोलेंगे। इनके अलावा दूसरे संगठनों के जो संचालन कमेटी के तय नियमों को मानेंगे, उन्हें बोलने की इजाजत दी जाएगी।
बुराड़ी से अपने साथियों को वापस बुलाएंगे
इसके साथ ही किसानों ने यह भी कहा कि वे बुराड़ी में मौजूद अपने साथियों को वापस बुलाएंगे। बुराड़ी में किसानों का एक ग्रुप पहले से ही डेरा डाले हुए है। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि किसान बुराड़ी मैदान पर इकट्ठे हों। इसके बाद उनसे बात की जाएगी। किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि वे दिल्ली घेरने आए हैं, न कि दिल्ली में घिर जाने के लिए।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें