प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 7वीं बार जवानों के साथ दिवाली मनाई। इस बार वे जैसलमेर में लोंगेवाला पोस्ट पहुंचे। 40 मिनट के भाषण में उन्होंने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। चीन और पाकिस्तान को चेतावनी दी कि किसी ने आजमाने की कोशिश की तो प्रचंड जवाब मिलेगा। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से मोदी उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में सैनिकों के साथ दिवाली मनाते रहे हैं।
मोदी के भाषण की 10 अहम बातें

1. आप हैं तो देश के लोगों के लिए खुशियां हैं
मैं आपके लिए हर भारतवासी की शुभकामनाएं और प्यार लेकर आया हूं। हर वरिष्ठजन का आशीष लेकर आया हूं। आप सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। 2014 में पीएम बनने के बाद पहली बार सियाचिन चला गया था। दीपावली मनाने के लिए तो कई लोगों को आश्चर्य हुआ था। लेकिन, आप जानते हैं अगर दीपावली पर अपनों के बीच नहीं जाऊंगा तो कहां जाऊंगा। इसलिए आज भी अपनों के बीच आया हूं। आप बर्फीले पहाड़ियों में रहें या रेगिस्तान में। आपके चेहरों की रौनक देखकर मेरी दीपावली शुभ हो जाती है।

2. लोंगेवाला पोस्ट का नाम सबको याद है
किसी एक पोस्ट का नाम अगर देश को और पीढ़ियों को याद होगा तो वह लोंगेवाला पोस्ट है। यहां गर्मियों में पारा 50 डिग्री, तो सर्दियों में शून्य पर पहुंच जाता है। सर्दियों में आप एक-दूसरे का चेहरा नहीं देख पाते। लोंगेवाला का नाम लेते ही मन की गहराई से आवाज आती है- जो बोले सो निहाल, सत श्री अकाल। लोंगेवाला की इस पोस्ट से देश की नजरें आप पर हैं।

3. पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए थे
जब भी सैन्य इतिहास लिखा जाएगा तो बैटल ऑफ लोंगेवाला का नाम जरूर लिखा जाएगा। जब पाकिस्तान की सेना बांग्लादेशी (तब पूर्वी पाकिस्तान) लोगों को खत्म कर रही थी। वहां से ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान ने हमारी पश्चिमी सीमा पर मोर्चा खोल दिया, लेकिन उनको लेने के देने पड़ गए। यहां के पराक्रम की गूंज ने पाकिस्तान के हौसले तोड़ दिए। उनको क्या पता था कि उनका सामना मां भारती के बेटों से होने वाला है। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ने दुश्मनों को धूल चटा दी।

4. मेजर कुलदीप राष्ट्रदीप बन गए
कभी कभी मुझे लगता है कि कुलदीप के माता-पिता ने उनका नाम कुल का दीपक समझकर रखा था, लेकिन वो अपने पराक्रम से राष्ट्रदीप बन गए। लोंगेवाला का युद्ध हमारे शौर्य का प्रतीक तो है ही, यह वायु, थल और नौसेना के बेहतरीन समन्वय का भी प्रतीक है। इसने दुनिया के सामने मिसाल पेश की। लोंगेवाला की लड़ाई के 50 वर्ष होने जा रहे हैं। इस इतिहास को हम मनाने जा रहे हैं। आने वाली पीढ़ियां इससे प्रेरणा लेंगी।
5. भारत के जवानों की कोई बराबरी नहीं
रेगिस्तान हो, पहाड़ियां हों या जल की गहराई, आपकी वीरता हर चुनौती पर भारी पड़ी है। आज रेगिस्तान में डटे हैं, तो आपको हिमालय की ऊंचाई का भी अनुभव है। आपका पराक्रम और शौर्य अतुलनीय है। दुश्मन भी जानता है कि भारत के जवानों की कोई बराबरी नहीं। आज 130 करोड़ देशवासी आपके साथ मजबूती से खड़े हैं। उन्हें अपने सैनिकों के शौर्य और अजेयता पर गर्व है। दुनिया की कोई भी ताकत हमारे वीर जवानों को देश की रक्षा से न रोक सकती है और न टोक सकती है।
6. हमने दुनिया को ताकत दिखाई
दुनिया का इतिहास बताता है कि वो देश ही जीवित रहे और बचे, जिनके भीतर आक्रांताओं से मुकाबला करने की शक्ति थी। दुनिया के समीकरण कितने भी बदल गए हों, सजगता ही सुख चैन का संबल है। सक्षमता से ही सुरक्षा का पुरस्कार है। भारत के पास आप जैसे वीर बेटे और बेटियां हैं। जब भी जरूरत पड़ी भारत ने दुनिया को दिखाया कि उसके पास ताकत भी है और राजनीतिक इच्छाशक्ति भी।
7. आतंकियों को घुसकर मारते हैं
आज भारत आतंकियों और आतंकी आकाओं को घर में घुसकर मारता है। दुनिया ये समझ रही है कि ये देश अपने हितों से रत्तीभर भी समझौता करने वाला नहीं है। ये आपकी शक्ति और पराक्रम की वजह से संभव है। आज दुनिया के मंचों पर प्रखरता से अपनी बात रखता है। विश्व आज विस्तारवादी शक्तियों से परेशान है। भारत इस 18वीं सदी की बुराई के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। हम सैन्य आधुनिकीकरण कर रहे हैं। हम भारत में ही हथियार बनाएंगे। इसमें बहुत दम और साहस लगता है। मैं अपनी सेनाओं को इस फैसले के लिए बधाई दे रहा हूं। देश में मैसेज गया कि लोकल के लिए वोकल होना है।
8. प्रचंड जवाब देंगे
हमारा लक्ष्य है- सरहद पर शांति। रणनीति साफ है- आज का भारत समझने और समझाने की रणनीति पर भरोसा करता है। लेकिन, अगर हमें आजमाने की कोशिश की तो जवाब भी उतना ही प्रचंड मिलेगा। देश की अखंडता देशवासियों की एकता पर निर्भर करती है। सेना का हौसला और आत्मबल ऊंचा रहे इसलिए यही हमारी प्राथमिकता है। हमने सैनिकों के परिवारों और बच्चों की शिक्षा पर अहम फैसले किए। दूसरे कार्यकाल में पहला फैसला मैंने यही लिया था। राष्ट्रीय शौर्य स्मारक देश को प्रेरणा देता है।
9. जवानों से 3 आग्रह
1. कुछ न कुछ नया इनोवेट करें। इसे जिंदगी का हिस्सा बनाइए। जवानों की क्रिएटिविटी देश के लिए कुछ नया ला सकती है। यह आप लोगों के लिए जरूरी है।
2. योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए।
3. हम सभी मातृभाषा बोलते हैं। कोई हिंदी तो कोई अंग्रेजी बोलते हैं। अपने साथी से भारत की कोई एक भाषा जरूर सीखिए। यह आपकी ताकत बन जाएगी।
10. देश जवानों से सीख रहा है
देश आज कोरोना से जंग लड़ रहा है। देशवासी इसमें साथ दे रहे हैं। हमें ये भी अहसास है कि अगर हमें मास्क पहनने में इतनी तकलीफ है, तो आप ये जैकेट और इतना सामान कैसे रखते होंगे। देश आपसे सीख रहा है। सीमा पर आप त्याग और तपस्या करते हैं, वो देश में आत्मविश्वास पैदा करता है कि मिलकर बड़ी से बड़ी चुनौती का सामना किया जा सकता है। हर बार और हर त्योहार में आपके पास आता हूं, उतनी ही बार राष्ट्रसेवा और राष्ट्रसंकल्प मजबूत होता है। प्रत्येक देशवासी आपके साथ है।

ट्वीट कर संदेश भी दिया
हमें अपने उन जांबाज सैनिकों को भी याद रखना है, जो इन त्योहारों पर भी सीमाओं पर डटे हैं। भारत माता की सेवा और सुरक्षा कर रहे हैं। हमें उनको याद करके ही अपने त्योहार मनाने हैं। हमें घर में एक दीया भारत माता के इन वीर बेटे-बेटियों के सम्मान में भी जलाना है। मैं अपने वीर जवानों से भी कहना चाहता हूं कि भले ही आप सीमा पर हैं, लेकिन पूरा देश आपके साथ है, आपके लिए कामना कर रहा है। मैं उन परिवारों को भी नमन करता हूं, जिनके बेटे-बेटियां आज सरहद पर हैं। हर वो व्यक्ति जो देश से जुड़ी किसी न किसी जिम्मेदारी की वजह से अपने घर पर नहीं है, अपने परिवार से दूर है, मैं हृदय से उनका आभार प्रकट करता हूं।
This Diwali, let us also light a Diya as a #Salute2Soldiers who fearlessly protect our nation. Words can’t do justice to the sense of gratitude we have for our soldiers for their exemplary courage. We are also grateful to the families of those on the borders. pic.twitter.com/UAKqPLvKR8
— Narendra Modi (@narendramodi) November 13, 2020
6 सालों में मोदी ने कहां मनाई दिवाली?
2019: मोदी जम्मू-कश्मीर के राजौरी में नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात जवानों के साथ दिवाली मनाने के लिए राजौरी पहुंचे थे। कहा था- युद्ध हो या घुसपैठ हो, इस क्षेत्र को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह जगह हमेशा उन परेशानियों से निकल आती है। यह ऐसा क्षेत्र है, जिसने कभी हार नहीं देखी।
2018: प्रधानमंत्री दिवाली के मौके पर उत्तराखंड में केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए गए थे। यहां उन्होंने चीन बॉर्डर के पास हरसिल गांव के केंट इलाके में भारतीय सशस्त्र बल और ITBP के जवानों से मुलाकात की थी। यहां कहा था- बर्फीले इलाके में आपका ड्यूटी के लिए समर्पण देश को मजबूती प्रदान करता है। आपके चलते ही सवा सौ करोड़ लोगों के सपने सुरक्षित हैं।
2017: इस साल मोदी ने दिवाली का जश्न जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाया।
2016: मोदी ने हिमाचल प्रदेश से लगे चीन बॉर्डर के पास इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवानों के साथ दिवाली मनाई।
2015: प्रधानमंत्री ने अमृतसर (पंजाब) बॉर्डर पर जवानों के साथ दिवाली मनाई थी।
2014: मोदी ने सियाचिन में जवानों के बीच दिवाली मनाई थी।

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