हाथरस गैंगरेप केस में दिल्ली से लेकर पीड़ित लड़की के गांव तक हंगामा और राजनीति जारी है। दिल्ली के वाल्मिकी मंदिर में पीड़ित के लिए एक प्रार्थना सभा की गई। इसमें कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। इस मौके पर प्रियंका ने कहा, ‘दुख की घड़ी में पीड़ित का परिवार अकेला है। हमारी बहन के साथ न्याय होना चाहिए। हमें अन्याय के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई तेज करनी होगी। मैं प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए यहां आई हूं।’ इस बीच, इस घटना के विरोध में जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन किया जा रहा है। अरविंद केजरीवाल भी जल्द शामिल होंगे।
उधर, पीड़ित लड़की के बुलगढ़ी गांव में भी हंगामा हुआ। पुलिस न तो विपक्षी नेताओं को पीड़ित परिवार से मिलने दे रही और न ही मीडिया को एंट्री दी जा रही। गांव की सीमाओं पर पुलिस ने बैरिकेड लगा रखे हैं। पुलिस ने दोपहर 3:50 बजे सफाई दी। एडिशनल एसपी प्रकाश कुमार ने कहा कि मीडिया को SIT की पड़ताल होने तक रोका गया है। जैसे ही जांच पूरी हो जाएगी, मीडिया को पीड़ित के गांव में जाने की परमिशन दे देंगे।
खबर आ रही है कि पुलिस और प्रशासन के रवैए पर उठ रहे सवालों के बीच हाथरस के डीएम और एसपी के खिलाफ राज्य सरकार एक्शन ले सकती है।
पुलिस ने तृणमूल सांसद को धक्का देकर गिराया
इससे पहले तृणमूल (टीएमसी) के नेताओं ने गैंगरेप पीड़ित के गांव में जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने गांव के बाहर ही रोक दिया। तृणमूल सांसद डेरेक ओ’ब्रायन को धक्के मारकर जमीन पर गिरा दिया।
#WATCH: TMC delegation being roughed up by Uttar Pradesh Police at #Hathras border. The delegation, including Derek O’Brien, was on the way to meet the family of the victim of Hathras incident. pic.twitter.com/94QcSMiB2k
— ANI (@ANI) October 2, 2020
ब्रायन के साथ तृणमूल की 2 महिला सांसद और एक पूर्व सांसद गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहते थे। इस डेलिगेशन में शामिल पार्टी की पूर्व सांसद ममता ठाकुर ने कहा कि महिला पुलिसकर्मियों ने हमारे ब्लाउज खींचे और हमारी सांसद प्रतिमा मंडल पर लाठीचार्ज किया, वे नीचे गिर गईं। फीमेल पुलिस के होते हुए मेल पुलिस ने हमारी सांसद को छूआ। यह शर्म की बात है।
#WATCH We were going to meet her family but there were not allowing us. When we insisted, the women Police personnel pulled at our blouses and lathi-charged at our MP Pratima Mondal. She fell down. The male Police officers touched her. This is shameful: Mamata Thakur, TMC https://t.co/404nqZhjl5 pic.twitter.com/Nxc9SLeMWY
— ANI (@ANI) October 2, 2020
प्रशासन की सफाई- तृणमूल के आरोप झूठे
हाथरस के एसडीएम (सदर), प्रेम प्रकाश मीणा का कहना है कि SIT टीम गांव के अंदर है। जांच प्रभावित नहीं हो, इसलिए किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं है। तृणमूल की महिला नेताओं को महिला पुलिसकर्मियों ने वापस जाने को कहा था। जब उन्होंने जबरदस्ती की तो, महिला कांस्टेबलों ने रोका। ये आरोप झूठे हैं कि मेल पुलिस ने महिला नेताओं को छुआ।

अपडेट्स
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर कहा है, “उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है। इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।”
उत्तर प्रदेश में माताओं-बहनों के सम्मान-स्वाभिमान को क्षति पहुंचाने का विचार मात्र रखने वालों का समूल नाश सुनिश्चित है।
इन्हें ऐसा दंड मिलेगा जो भविष्य में उदाहरण प्रस्तुत करेगा।
आपकी @UPGovt प्रत्येक माता-बहन की सुरक्षा व विकास हेतु संकल्पबद्ध है।
यह हमारा संकल्प है-वचन है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 2, 2020
पीड़ित परिवार ने CBI जांच की मांग की
एक वीडियो में हाथरस के डीएम प्रवीण लक्षकार पीड़ित परिवार से यह कहते हुए दिख रहे हैं कि मीडिया आज यहां है, कल नहीं रहेगा। आप सरकार की बात मान लीजिए। यह वीडियो वायरल होने के बाद परिवार के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा। मृतक लड़की के पिता ने CBI जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यूपी पुलिस पर अब भरोसा नहीं रहा, हमें मीडिया वालों से नहीं मिलने दे रहे। घर से निकलने पर भी 10 तरह के सवाल किए जा रहे हैं।
पुलिस ने पीड़ित परिवार के फोन छीने
परिवार का एक बच्चा किसी तरह बाहर निकलकर आया और मीडिया को बताया कि सभी के फोन छीन लिए गए हैं। बच्चे ने कहा कि घरवाले आपसे मिलना चाहते हैं, लेकिन उन्हें रोक रखा है। इसके बाद पुलिस ने बच्चे को भी वहां से भगा दिया।
गांव वालों ने कहा- हमारे साथ भी अपराधियों जैसा सलूक हो रहा
उधर, पुलिस ने हाथरस जिले में धारा-144 लगाने के साथ ही पीड़ित के गांव में नाकेबंदी कर रखी है। पूरे गांव को छावनी बना दिया गया है। गांव के लोगों को भी आईडी दिखाने के बाद ही एंट्री दी जा रही है। पुलिस और प्रशासन के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उनका कहना है कि अपने ही गांव में हमसे अपराधियों जैसा सलूक हो रहा है।

राहुल-प्रियंका को यूपी पुलिस ने 4 घंटे हिरासत में रखा था
राहुल और प्रियंका गांधी गुरुवार को गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने जाना चाहते थे। लेकिन, ग्रेटर नोएडा में उनका काफिला रोक लिया गया। वे कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ने लगे। करीब ढाई किमी चले थे कि इकोटेक-1 थाना इलाके में राहुल-प्रियंका को गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। राहुल-प्रियंका को पुलिस ने 4 घंटे बाद छोड़ा। (पूरी खबर यहां पढ़ें…)

क्या है पूरा मामला?
हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बुलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था।
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